इस आर्टिकल में हम जानेगे ग्लूकोमा क्या है? ग्लूकोमा आँख की एक व्याधि है जिसे हिंदी में काला मोतिया या काला पानी बोलते है ग्लूकोमा एक ऐसी बीमारी है जिससे आँख का प्रेशर धीरे – धीरे बढ़ने से आँख की नस कमजोर हो जाती है और धीरे – धीरे नजर खत्म हो जाती है अब इसमें जो नस जाती है या नजर चली जाती है वो वापिस भी नहीं आती है आँख की नस जो होती है वो तार के समान होती है जो आँख को दिमाग से जोडती है|
ग्लूकोमा क्या है?(Glaucoma Kya Hai?)
ग्लूकोमा क्या है? जब आँख कैमरा की तरह कोई भी चित्र देखती है वो इस नस के सहारे हमारे दिमाग तक पहुँचाती है तभी हम देख पाते है और अगर नस ही सुख जाये तो जो आँख देखती है वो हमारा दिमाग पहचान नहीं सकता इस तरह ग्लूकोमा में धीरे-धीरे नजर चली जाती है |
ग्लूकोमा क्या है? ज्यादातर लोगो यह जानने की जिज्ञासा होती है की यह किसकी बीमारी है इसके क्या लक्षण होते है यह क्यों होती है आदि?
ग्लूकोमा किसकी बीमारी है?(Glaucoma Kisaki Bimari Hai?)
ज्यादातर लोगो यह पता ही नहीं होता की ग्लूकोमा क्या है? ये बीमारी किसकी है ग्लूकोमा आँखो से संभंधित बीमारी है इस बीमारी में आँख में तरल पदार्थ ठीक से नहीं निकल पाता इससे आँखो के अंदर दबाव बढ़ाता है जिससे ऑप्टिक तंत्रिका में नुकसान पहुँचता है ऑप्टिक तंत्रिका आँखो को दिमाग से जोड़ती है ग्लूकोमा की वजह से आँखो को भारी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है इसलिए समय पर इसका इलाज जरुरी होता है हलाकि इससे आँखे पूरी तरह ठीक तो नहीं होती परन्तु दृष्टि हानि को धीमा किया जा सकता है |

ग्लूकोमा क्यों होता है इसका मुख्य कारण?(Glaucoma Kyo Hota Hai Iska Mukhy Karn?)
Family History
अगर आपके परिवार का इतहास है की आपके माता पिता या आपके दादाजी दादीजी को ग्लूकोमा की बीमारी है या आपको Diabetic है या फिर आप धूम्रपान करते हो या B.P की समस्या है तो ऐसे लोगो में ग्लूकोमा जो होता है वह जल्दी बन जाता है ग्लूकोमा का खतरा ज्यादा रहता है |
Steroid Use
अगर आप Steroids खा रहे है या Steroids आँख में डाल रहे है बहुत सारी Autoimmune मरीज होते है जिससे मरीज को Steroids खाना पड़ता है या आँखो में एलर्जी है या आँखों में और समस्या है जिसमे Steroids Eye Drops चल रही है तो उसमे भी आँखों पर प्रेशर बढ़ सकता है और ग्लूकोमा हो सकता है |
High Myopia
यानिकि माइनस का नंबर ज्यादा है तो उनमे भी ज्यादा सम्भावना होती है ग्लूकोमा होने की |
Age Related
50 की उम्र के बाद सामान्य रूप से देखा गया है की व्यक्ति को ग्लूकोमा हो जाता है पर बच्चो में भी होता है जिसको हम Congenital Glaucoma बोलते है |
ग्लूकोमा होने का लक्षण (Glaucoma Hone Ka Lakshan)
यह बीमरी इसलिए खतरनाक होती है क्योकि ग्लूकोमा क्या है? और इसके लक्षण क्या है यह सामान्य लोगो पता ही नही होता है और इसके लक्षण नजर नहीं आते प्रेशर से नस दब जाती है नस सुख जाती है जो रौशनी चली गयी वो हमेशा के लिए ही चली जाती है उसको वापिस लाने का कोई तरीका नहीं है जो रौशनी बच जाती है उसको कुछ तरिके से दृष्टि हानि को धीमा किया जा सकता है |
काला मोतिया बच्चों में भी हो सकता है और बड़ो में भी हो सकता है बच्चों में इसको पकड़ना बहुत आसान होता है क्योकि बच्चों में कुछ खास लक्षण होते है जिन्हे देख कर ग्लूकोमा का पता लगाया जा सकता है |यह लक्षण होते है –
- आँख का आकार बड़ा हो जाना |
- आँख से लगातार पानी निकलना |
- या फिर बच्चा रौशनी से घबराए और अँधेरे में ज्यादा रहना पसंद करे |
- धुप में आँख का न खुलना |
- आँख की पुतली में सफ़ेद – सफ़ेद दाग आना |
इस तरह के लक्षण यदि अपने बच्चे में दिखे तो आपको अपने बच्चे को आँख के डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए |
जो ग्लूकोमा वयस्क में होता है वह ज्यादातर 40-45 की उम्र में पाया जाता है और महिलाओ में थोड़ा जल्दी हो जाता और पुरुषो में थोड़ा देर से होता है|
ग्लूकोमा का प्रकार(Glaucoma Ka Prakar)
वयस्क में भी यह दो प्रकार का होता है
- एक होता है Open- Angle Glaucoma जिसमे पानी का रास्ता बना रहता है
- और दूसरा होता है Closed – Angle Glaucoma जिसे पानी निकलने का रास्ता छोटा हो जाता है |
- जिनको Open- Angle होता है उनको खतरा अधिक होता है क्योकि इसमें इन्सान को कुछ महसूस नहीं होता की आँख में ग्लूकोमा है और यही मरीज होते है जिसे बाद में अंधेपन की समस्या होती है |
- जिनको Closed- Angle होता है उनकी रौशनी बचायी जा सकती है क्योकि Closed – Angle वाले ग्लूकोमा में एक दम अटेक होता है जिसमे इन्सान की आँख में एक दम से दर्द होता है जिसमे आँख एक दम लाल हो जाती है पुतली सफ़ेद पड़ जाती है उसको उल्टी आ सकती है आँख पत्थर की तरह कठोर हो जाती उसको रंग भी रंगे छल्ले या काले – काले छल्ले दिखाई देते है इस तरह की समस्या आती है तो हम इसे Acute Attacks कहते है और Acute Attacks का आसानी से निदान हो जाता है |
इलाज और टेस्ट
आज कल काले मोतिया का निदान कठिन नहीं है अगर समय पर ग्लूकोमा का पता चल जाये आजकल बहुत सारी नयी – नयी Technologies उपलब्ध है जिससे हम काले मोतिया का निदान किया जा सकता है |
टेस्ट
- आँखों के दबाव की जांच
- फैली हुई आँख की जांच द्रश्य क्षेत्र परीक्षण
- ऑप्टिक तंत्रिका इमेजिंग
- कॉर्नियल मोटाई माप ग्लूकोमा में यह सभी जांच होती है |
इन सब से ग्लूकोमा का इलाज सम्भव है |
ग्लूकोमा से बचने के लिए क्या करना चाहिए?(Glaucoma Se Bachane Ke Liye Kya Karna Chahiye?)
ग्लूकोमा से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना चाहिए इससे कहि हद तक ग्लूकोमा के साथ – साथ कहि तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है |
- नियमित व्यायाम, प्राणायाम |
- नियमित आँखों का चेकअप करवाए |
- शराब धूम्रपान और किसी भी तरह से नशे का सेवन ना करे |
- सीधे सोने से बचे ज्यादा तर सीधे हाथ की तरफ करवट ले कर सोए |
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिए एवं तरल पदार्थ का सेवन करे |
- ज्यादा T.V मोबाईल ना चलाए |
- आँखों की अच्छी तरह ठंडे पानी से सफाई करे और आँखों के लिए होने वाली एक्ससाइज करे |
- अच्छा आहार और पोषण ले आहार में विटामिन ए.सी.इ और ओमेगा- 3 फैटी एसिड ले और एंटीऑसीडेंट से भरपूर आहार ले |
- ज्यादा वसा वाले खाद्य पदार्थ से दूर रहे हालाँकि कभी कबार ले सकते है |
क्या भविष्य में ग्लूकोमा ठीक हो सकता है ?
नहीं ग्लूकोमा को ठीक नहीं किया सकता है हालाँकि शुरुवात में समय पर पता चलने पर इसका इलाज शुरू करने द्रष्टि हानि को धीमा किया जा सकता है इसके इलाज का मतलब आँखों के अंदर दबाव को कम करना होता है |
क्या ग्लूकोमा का इलाज सम्भव है ?
जी नहीं ग्लूकोमा का इलाज संभव नहीं है शुरुवाती चरणों में पता चलने पर इसका इलाज किया जाए तो द्रष्टि हानि को कम किया जा सकता है इसके इलाज में सर्जरी लेजर उपचार और दवाई शमिल है |
ग्लूकोमा को हिंदी में क्या कहते है
ग्लूकोमा को हिंदी में कालामोतियाबिन्द कहते है यह आँखों की रौशनी हमेशा के लिए भी जा सकती है |
I HOPE YOU LIKE MY ARTICLE ….