इस आर्टिकल में हम जानेगे तनाव क्या है? तनाव हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चूका है यह एक ऐसी स्थति है जिसमे व्यक्ति को शारारिक या मानसिक दबाव महसूस होता है बढ़ता हुआ समय जीवन और दिन भर की खींचातानी में इंसान खुद कब इतना उलझ जाता है उसे खुद यह महसूस नहीं होता, तेजी से बदलते परिवेश और व्यक्ति के इक्छाओ के कारण तनाव का स्तर बढ़ता ही जा रहा है तनाव के ही बढ़ते हुए रूप को टेंसन कहते है|
तनाव क्या है?
इस टॉपिक में जानेगे तनाव क्या है?
तनाव एक एक ऐसी स्थति है जो मानसिकतौर से और शारीरिकतौर हमें दिक्कत देती है यह स्थति तब होती है जब हम किसी तरह की गंभीर परिस्थिति से गुजर रहे होते है एक ऐसी परिस्थिति जिसमे हम खुद को संभल नहीं पते यह हर एक के जीवन में अलग अलग हो सकती है जैसे पारिवारिक लड़ाई, पति-पत्नी, में कलह , सामाजिक दबाव , स्वास्थ सम्भदित समस्याएं, बच्चो में पढ़ाई की तनाव, विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा आदि |
तनाव के कारण
तनाव क्या है? इसको होने के मुख्य कारण हो सकते है काम का दबाव, आर्थिक समस्याए, पारिवारिक कलह , सामाजिक अपेकक्षाएँ और स्वास्थ सम्बन्धी चिंताए शामिल है |
- काम का दबाव – आजकल एक दूसरे से आगे निकने की होड़ में अपने करियर में सफल होने के लिए अत्यधिक मेहनत करते है| एवं काम के अधिक तनाव होने के कारण और नौकरी की अनिश्चिता के कारण व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है
- आर्थिक समस्याएं – आर्थिक तंगी , कर्ज का बोझ और और भविष्य की चिंताए इंसान को तनाव में धकेल देता है और जीवन बोहोत ही कठिन हो जाता है |
- पारिवारिक कलह – परिवार में छोटी छोटी बातो पर कलह, हीन भावनाये, घरेलु हिंस, मारपीट, उदासीनता , नशे आदि के कारण इंसान मानसिक रूप से कमजोर होता जाता है और तनावग्रस्त जीवन हो जाता है|
- सामाजिक अपेकक्षाएँ – समाज में आपने नाम और प्रतिष्ठा बनाने की की चिंता एवं हर किसी के सामने खुद को अच्छा साबित करने की चाह व्यक्ति को तनावग्रस्त कर देती है |
- स्वास्थ संबंधी चिंताए – अचानक से हुई गंभीर बीमारी या किसी प्रियजन की बीमारी की चिंता व्यक्ति के स्ट्रेस का कारण बन सकती है |
तनाव क्या है? और इसके होने के मुख्य कारण क्या है?
अचानक से होने वाली घटनाएं अक्सर व्यक्ति तो मानसिक तनाव के कुवे में धकेल देती है, अचानक से किसी प्रियजन की मौत हो जाना, किसी का बुरी तरह स्वास्थ बिगड़ना जिसकी टेंसन उसका सगा सम्भान्धि कर लेता है आर्थिक तंगी, रिश्ता बिगड़ना, अधिक कर्जा होना और ऐसी असहनी घटना का होना जो व्यक्ति सह नहीं पाता जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव का शिकार हो जाता है |

मानसिक तनाव के लक्षण
नींद एवं भूक में बदलाव
ज्यादा स्ट्रेस लेने से व्यक्ति को रात में अक्सर नींद नहीं आती और बहुत मुश्किल से नींद आती है और अगर नींद आ जाये तो समय से पहले खुल जाती है, कुछ खाने का मन नहीं करता भूक नहीं लगती |
उदास एम दुखी रहना
पहले जो व्यक्ति या बच्चा बहुत खुश रहता था वह उदास-उदास रहने लगे अक्सर विचारो में खोया रहे और उसके चेहरे के भाव गंभीर और दुखी भरे दिखाई देने लगे तो समझ जाईये की उसको मानसिक तनाव है |
काम में मन ना लगना
जो भी व्यक्ति जो मन लगा कर रूचि से काम करता था अगर अब अक्सर उसका मन काम में ना लगे वो काम से भागने लगे उसको काम का बोलो तो वह चिड़ने लगे तो यह भी तनाव के लक्षण है |
चिड़चिड़ापन
सामान्य एवं खुस रहने वाला व्यक्ति वह छोटी-छोटी बात पर चिड़ने लगे, लोगो से दूर भागने लगे तो यह तनाव के लक्षण है |
डर एवं बेचैनी
छोटी- छोटी से बातो पर आवश्यकता से अधिक प्रतिक्रिया व्यक्ति करना छोटी सी बात पर बहुत अधिक सोचना और मन ही मन घुटते रहना कुछ ना कुछ हो जायेगा उससे भय लगना, बेचैनी होना आदि |
शंका एवं शक करना
व्यक्ति की बातो पर भरोसा ना करना और उस पर शक करना इसके अलावा किसी गंभीर बीमारी के बारे में सोचना और डरना की कही मुझे यह बीमारी तो नहीं और डरते रहना |
एक ही काम को बार-बार करना
किसी काम को करना और मन में सोचना मेने वो ठीक से किया की नहीं और इसको बार-बार करना इसके अलावा हाथो को बार-बार धोना, बार-बार चीजों की जांच करना आदि |
आवाजे आना
सोते जागते मन में यह लगता है की कोई कुछ बोल रहा है डर और आशंका में जीना की मेरे बारे में तो बात नहीं कर रहे है मेरे साथ कोई कुछ कर तो नहीं देगा किसी पर भरोसा ना करना |
कैसे पता करे की तनाव है?
ऊपर दिए गए लक्षणों के बारे में पड़ कर आप यह आसानी से जान सकते है की आपको तनाव या स्ट्रेस है या नहीं |
तनाव से होने वाले प्रभाव
स्ट्रेस का शरीर और दिमाग पर गहरा असर पड़ता है |
- शारीरिक प्रभाव- स्ट्रेस के कारण सर दर्द ,नींद न आना , पेट दर्द , मानसिक बीमारी , ब्लड प्रेसर , दिल की बीमारिया और अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती है |
- मानसिक प्रभाव – तनाव इंसान की मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है यह चिंता ,अवसाद, चिड़चिड़ापन , और नींद न न आने की समस्याओ का कारण बन सकती है |
- व्यव्हार में परिवर्तन – तनाव में रहने वाले व्यक्ति का स्वाभाव भी बोहोत चिड़चिड़ा हो जाता है लोगो से दूर भागना किसी भी चीज में दिलचस्पी न लेना नशे के आदि होना जैसी समस्या का सामना करना पद सकता है |
- कार्यक्षमता में कमी – अधिक तनाव के कारण व्यक्ति के कार्यक्षमता प्रभावित होती है तनाव के कारण कार्य पर ध्यान न दे पाना उसकी वजह से जीवनशैली प्रभावित होती है |
- सम्बन्धो पर असर – तनाव का असर व्यक्ति के रिश्तो पर भी असर पड़ता है वह चिड़चिड़े स्वाभाव की वजह से और तनाव की वजह से किसी चीज में मन न लगने की वजह से व्यक्ति अपने परिजनों से भी दूर भागता है जिससे रिश्तो में खटास होती है |
तनाव से होने वाले रोग
- ब्लड प्रेशर बढ़ना
- दिल का डोरा पड़ना
- शुगर बढ़ना
- नींद न आना इंसोमिनिया होना
- भूलने की दिक्कत होना
- भूक ना लगना
- बहुत ज्यादा भूक पड़ती है जिससे मोटापा बढ़ता है
- फैटी लिवर की समस्या होती है
- कब्ज और बवासीर का होना
- रोगप्रतिरोधक छमता का कम होना
- बैक्टेरिया इन्फेक्शन का खतरा बढ़ना जैसे- फंगल इन्फेक्शन, T.V. का इन्फेक्शन और भी कही तरह के इन्फेक्शन हो सकते है
- कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना
- लकवा होना
- सरदर्द , कैंसर, अस्थमा जैसी कही गंभीर बीमारी हो सकती है इसलिए लोड एवं तनाव नहीं करना चाहिए
टेंशन लेने से शरीर में क्या होता है?
टेंशन लेने से स्वास्थ का संतुलन बुरी तरह बिगड़ जाता है और कही तरह की गंभीर बीमारियों के होने की सम्भावनाये बढ़ जाती है और दैनिक दिनचर्या भी इससे बुरी तरह प्रभावित होती है |
मानसिक तनाव के प्रकार
सामान्य रूप से तनाव क्या है? और इसके कितने प्रकार होते है- दिमाग की ही एक स्थति को ही तनाव कहा जाता है यह एक ऐसी स्थति होती है जिसमे व्यक्ति जीवन में घटित घटनाओ का लोड ले लेता है और इसी स्थति को तनाव कहते यह तीन प्रकर के होते है |
वर्तमान का तनाव
यह तनाव तब होता है जब अचानक से कोई घटना होने पर होता है जिसका हम लोड ले लेते है |
भूतकाल का तनाव
यह तनाव तब होता है जब भूतकाल में कोई घटना होती है और हम उसका लोड लेते रहते है उसे दिमाग से नहीं निकल पाते और यही मानसिक तनाव का कारण बनता है |
भविष्य का तनाव
यह तनाव तब होता है जब मन भविष्य की चिंताओं का लोड ले लेता है जो घटनाये हुयी नहीं है और होगी भी नहीं बस सोच सोच कर ही खुद को दुखी करता रहता है |
तनाव से निपटने के तरीके
तनाव से बचने के कई तरीके है जिससे व्यक्ति को मानसिक शांति मिल सकती है और जीवन का संतुलन बनाये रखने में मदत कर सकते है |
- व्यायाम- नियमित रूप से व्यायाम नासिर्फ व्यक्ति को मानसिक शांति देता है बल्कि शरीर को भी स्वस्थ रखता है |
- योग एवं ध्यान- योग और ध्यान दिमाग को स्थिर करता है और मन को सकारात्मक सोच के प्रभावित करता है|
- समय का प्रबंधन- अपने समय का सही प्रबंधन करने से काम का बोझ का होता है और तनाव भी काम होता है |
- सामजिक सहयोग- अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना, उनसे अपनी समस्याएं साझा करना और उनके सहयोग से व्यक्ति को स्ट्रेस से निपटने में मदत मिलती है |
- आहा- अन्तुलित आहार लेने से भी स्ट्रेस में राहत मिलती है |
- विश्राम- पर्याप्त नींद और विश्राम लेना भी तनाव को कम करने में मदत करता है |
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